पेड़ लगाने वाला लड़के की कहानी।

DESK:-एक समय की बात है, एक गरीब किसान का बेटा था जिसका नाम सोनू था। सोनू एक दयालु और अच्छा लड़का था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था। एक दिन,सोनू जंगल में घूम रहा था जब उसने देखा कि एक पेड़ सूख रहा है। पेड़ ने सोनू से कहा, “मुझे पानी दो। मैं मर रहा हूँ।” सोनू को पेड़ पर दया आ गई। उसने अपने गले में एक कलशी बांध लिया और पेड़ को पानी देने लगा। वह कई दिनों तक पेड़ को पानी देता रहा। आखिरकार, पेड़ को पानी मिल गया और वह ठीक हो गया।

सोनू को पेड़ पर बहुत खुशी हुई। उसने सोचा कि अगर वह एक पेड़ को बचा सकता है, तो वह कई पेड़ों को बचा सकता है। इसलिए, सोनू ने जंगल में एक पेड़ लगाने का फैसला किया। उसने एक छोटा सा पेड़ लगाया और उसे पानी दिया।

सोनू ने हर दिन पेड़ की देखभाल की। उसने उसे पानी दिया, उसे खाद दी, और उसे कीटों से बचाया। धीरे-धीरे, पेड़ बड़ा और मजबूत हो गया।

सोनू ने एक और पेड़ लगाया, फिर दूसरा, फिर तीसरा। उसने जंगल में कई पेड़ लगाए। सोनू के प्रयासों से जंगल फिर से हरा-भरा हो गया।

सोनू के बारे में जल्द ही सभी को पता चल गया। लोग उसे “पेड़ लगाने वाला लड़का” कहने लगे। सोनू को अपने काम पर बहुत गर्व हुआ। वह जानता था कि वह दुनिया को एक बेहतर जगह बना रहा है। एक दिन, एक राजकुमार जंगल में घूम रहा था। 

उसने सोनू को पेड़ लगाते हुए देखा। राजकुमार को सोनू की मेहनत और समर्पण पर बहुत खुश हुआ। उसने सोनू को एक पुरस्कार दिया और उसे जंगल का रक्षक नियुक्त किया। सोनू ने जंगल का रक्षक बनने के बाद भी पेड़ लगाना जारी रखा। उसने जंगल में कई और पेड़ लगाए। 

सोनू के प्रयासों से जंगल एक सुरक्षित और स्वस्थ जगह बन गई।

सोनू की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। यह हमें सिखाती है कि छोटी-छोटी चीजें भी बड़ा बदलाव ला सकती हैं। अगर हम सभी सोनू की तरह पेड़ लगाने का काम करें, तो हम दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं ।

छोटी-छोटी चीजें भी बड़ा बदलाव ला सकती हैं। हमें पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। 

News Credit By:-Rishikesh Ranjan (पटना-बिहार)

Rishikesh Ranjan

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