नीतीश कुमार का शानदार ऐलान: बिहार में 125 यूनिट मुफ्त बिजली और सौर क्रांति की शुरुआत

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा ऐलान किया, जिसके तहत राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 1 अगस्त 2025 से हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी। यह घोषणा 17 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर की गई, और इसका लाभ 1.67 करोड़ परिवारों को मिलेगा। इसके साथ ही, नीतीश कुमार ने अगले तीन वर्षों में 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है। आइए इस घोषणा को विस्तार से हिंदी में समझते हैं:

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नीतीश कुमार

घोषणा के प्रमुख बिंदु

  1. 125 यूनिट मुफ्त बिजली:
    • 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाली इस योजना के तहत, जुलाई 2025 के बिजली बिल से ही घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली के लिए कोई भुगतान नहीं करना होगा
    • यह योजना 1.67 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाएगी, जैसा कि नीतीश कुमार ने अपने ‘X’ पोस्ट में दावा किया।
    • उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार, यह योजना 1.82 करोड़ परिवारों को लाभ देगी, जिनमें से 1.67 करोड़ परिवार 125 यूनिट से कम बिजली की खपत करते हैं और उन्हें शून्य बिजली बिल मिलेगा।
    • नीतीश कुमार ने कहा, “हम शुरू से ही सस्ती दरों पर सभी को बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। अब हमने तय किया है कि 1 अगस्त 2025 से, यानी जुलाई के बिल से, सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा।”
  2. सौर ऊर्जा पर जोर:
    • अगले तीन वर्षों में, बिहार में 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
    • कुटीर ज्योति योजना के तहत अत्यंत गरीब परिवारों के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। अन्य परिवारों को भी सौर संयंत्र स्थापना के लिए उचित सरकारी सहायता दी जाएगी।
    • उपभोक्ताओं की सहमति से उनके घरों की छतों या नजदीकी सार्वजनिक स्थानों पर सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
    • नीतीश कुमार ने कहा, इससे घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई खर्च नहीं उठाना पड़ेगा, और साथ ही अगले तीन वर्षों में राज्य में 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्ध होगी।”
  3. आर्थिक प्रभाव:
    • इस योजना के लिए बिहार सरकार को अतिरिक्त वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा। पहले सरकार बिजली सब्सिडी पर 15,995 करोड़ रुपये खर्च करती थी। इस नई योजना के साथ, चालू वित्त वर्ष में 3,375 करोड़ रुपये अतिरिक्त और अगले वर्ष से 5,063 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च होगा, जिससे कुल सब्सिडी खर्च 19,370 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
    • बिहार की वित्तीय स्थिति पहले से ही कमजोर है, क्योंकि इसका कर आधार सीमित है और उधार लेने की क्षमता भी कम है। इस योजना से राज्य की वित्तीय सेहत पर दबाव बढ़ सकता है।

नीतीश कुमार

राजनीतिक पृष्ठभूमि और संदर्भ

  • चुनावी रणनीति: यह घोषणा बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले की गई है। नीतीश कुमार की यह घोषणा विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के 200 यूनिट मुफ्त बिजली के वादे का जवाब मानी जा रही है, जो उन्होंने नवंबर 2024 में किया था।
  • विपक्ष की प्रतिक्रिया:
    • राजद (RJD) के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने इसे “कॉपीकैट” कदम करार देते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के दबाव में यह घोषणा की। उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी के 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 1,500 रुपये पेंशन वादे के बाद नीतीश को पेंशन बढ़ाने और अब मुफ्त बिजली देने की घोषणा करनी पड़ी।
    • राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी इसे नीतीश की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का मौका बताया।
  • आम आदमी पार्टी (AAP): AAP नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि यह घोषणा अरविंद केजरीवाल के मॉडल की नकल है, जिसने मुफ्त बिजली और अन्य सुविधाओं को प्राथमिकता दी।
  • कर्नाटक मॉडल: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने दावा किया कि नीतीश की यह योजना कर्नाटक के मुफ्त बिजली मॉडल से प्रेरित है। नीतीश कुमार

नीतीश कुमार

जनता और नेताओं की प्रतिक्रिया

  • जनता में उत्साह: जमुई और बांका जैसे क्षेत्रों में उपभोक्ताओं ने इस घोषणा पर खुशी जताई और नीतीश कुमार का आभार व्यक्त किया।
  • जदयू नेताओं की प्रशंसा: जदयू नेता रंजीत राय और नंदकिशोर सिंह ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया, जो विशेष रूप से गरीब परिवारों को राहत देगा।
  • उद्योग जगत की सराहना: जहानाबाद के एरिस्टो एमडी उमेश शर्मा ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे गरीबों को बड़ी राहत मिलेगी।
  • आलोचना: कुछ लोगों ने इसे चुनावी “जुमला” करार दिया। ‘X’ पर एक यूजर ने कहा कि नीतीश पहले मुफ्त बिजली के खिलाफ थे, लेकिन अब चुनावी दबाव में यह घोषणा की।

नीतीश कुमार की अन्य घोषणाएं

  • रोजगार और पेंशन: नीतीश ने हाल ही में अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने और सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये करने की घोषणा की।
  • शिक्षक भर्ती: 16 जुलाई 2025 को, नीतीश ने TRE-4 के तहत 1 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती शुरू करने का निर्देश दिया।
  • महिला आरक्षण: सरकार ने बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण की घोषणा की।

नीतीश का दृष्टिकोण और दावा

  • नीतीश कुमार ने हमेशा “वन नेशन, वन टैरिफ” की वकालत की है और दावा किया है कि बिहार को ग्रिड से महंगी बिजली मिलती है।
  • 18 जुलाई 2025 को मोतिहारी में एक रैली में, नीतीश ने इस मुफ्त बिजली योजना का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन को दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पीएम के सुझाव के अनुरूप है।
  • नीतीश ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने बिहार को “लालटेन युग” से निकालकर बिजली युग में लाया है।

चुनौतियां और सवाल

  • वित्तीय बोझ: विश्लेषकों ने सवाल उठाया है कि क्या बिहार की कमजोर वित्तीय स्थिति इस योजना को वहन कर सकती है। बिजली सब्सिडी पहले ही राज्य के विकास बजट का आधा हिस्सा लेती है।
  • विश्वसनीयता पर सवाल: नीतीश पहले मुफ्त बिजली के खिलाफ थे। फरवरी 2024 में, उन्होंने विधानसभा में कहा था कि मुफ्त बिजली नहीं दी जाएगी। अब इस यू-टर्न को विपक्ष सियासी रणनीति बता रहा है।
  • स्मार्ट मीटर विवाद: कुछ क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर असंतोष है। लोग शिकायत कर रहे हैं कि रिचार्ज के बावजूद बिजली कटौती हो रही है।

निष्कर्ष

नीतीश कुमार की 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा बिहार के 1.67 करोड़ परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है, खासकर ग्रामीण और मध्यम वर्ग के लिए। सौर ऊर्जा पर जोर और कुटीर ज्योति योजना के तहत गरीबों को लाभ देने की योजना पर्यावरणीय और सामाजिक दृष्टिकोण से सकारात्मक है। हालांकि, यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, और विपक्ष इसे तेजस्वी यादव के 200 यूनिट मुफ्त बिजली के वादे का जवाब बता रहा है। बिहार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए, इस योजना का दीर्घकालिक प्रभाव और कार्यान्वयन एक बड़ा सवाल है।

यदि आप इस घोषणा के किसी विशिष्ट पहलू, जैसे सौर ऊर्जा योजना, आर्थिक प्रभाव, या राजनीतिक निहितार्थ, पर और जानकारी चाहते हैं, तो कृपया बताएं!

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