DESK:- श्री श्री 1008 अनन्त श्री विभूषित श्री धरणीधराचार्य जी महाराज के शिष्य व पटना जिला के विभिन्न गांव से चंदा देकर सहयोग किया गया पालीगंज रुकनपुरा, स्थान के पीठाधीश्वर श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज का चातुर्मास्य यज्ञ हरियाणा के कुरुक्षेत्र के गीताधाम में चल रहा यज्ञ की शुरुआत 29 जून को हुई थी और इसका समापन 28 अक्टूबर को होगा, बता दें की इसी चातुर्मास्य यज्ञ के दौरान श्री हरिवंश कथा का आयोजन 21 से 29 सितंबर तक होगा, जो लोग हरिवंश कथा का श्रवण करना चाहते हैं वे इस दिनांक को हरियाणा के कुरुक्षेत्र पहुंचकर इसका लाभ ले सकते हैं,वहीं दूसरी ओर श्री धरणीधराचार्य जी महाराज की पुण्यतिथि व भंडारे का आयोजन 28 अगस्त को किया गया,अतः जो भक्त शामिल होकर पुण्य का भागी बनना चाहते है वे नियत स्थान पर पहुंचकर लाभ ले सकते हैं। बता दें कि यज्ञ के दौरान कई जगहों के विद्वान व संत यज्ञ में प्रवचन कर भक्तों को लाभान्वित कर रहे हैं। वहीं यज्ञ परिसर में कई तरह के सास्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है। आचार्य सुकेश जी ने बताया की सभी आगंतुकों को रहने व भोजन की सुविधा यज्ञ प्रबंधन समिति के द्वारा किया गया है।
उन्होंने कहा कि यज्ञ हर व्यक्ति और राष्ट्र की सुख-समृद्धि के लिए आवश्यक है। विश्व के सामने पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है। इसका एकमात्र समाधान यज्ञ है। यज्ञ की अग्नि ज्ञान का प्रकाश फैलाने और दोषों व शत्रुओं का नाश करने की प्रेरणा देती है। स्वामी मुक्तानंद महाराज ने लिखित रूप में संदेश देते हुए कहा कि हवन और यज्ञ की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है।
इसका उल्लेख रामायण एवं महाभारत में भी किया गया है। जब अयोध्या के सम्राट दशरथ को संतान प्राप्त नहीं हो रही थी। तब उन्होंने इसके लिए पुत्रेष्ठी यज्ञ किया था। रामायण काल में ही भगवान श्रीराम ने अश्वमेघ यज्ञ किया था। मौके पर आचार्य द्वारिका मिश्र व आचार्य योगेंद्र ने विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करवाई।
News Credit By:-Rishikesh Ranjan